सरकार इलेक्ट्रोनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-मार्केट) के दायरे को बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसके तहत सरकार जीरा और धानिया सहित कई दूसरी कमोडिटी को ई-मार्केट में शामिल करने कर सकती है। फिलहाल ई-मार्केट पर 25 कमोडिटी में ट्रेड किया जाता है।
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दूसरी कमोडिटी के साथ ई-ट्रेड में हल्दी, प्याज, चिली, सनफ्लॉवर, सेब, कैस्टरसीड, ज्वार, मटर, मस्टर्ड, जौं, इमली, चना, गेहूं और धान शामिल हैं। अप्रैल में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे लॉन्च किया था। जिसे ई-नाम भी कहा जाता है इसके अंतर्गत देशभर की 585 मंडियों को जोड़ने की योजना है।
लोकल कमोडिटी को जोड़ने पर जोर
ई-मार्केट 8 राज्यो में पहले ही लागू हो चुका है ये राज्य एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी एक्ट में बदलाव कर चुके हैं। सरकार लोकल कमोडिटी को उस राज्य की मंडियों से जोड़ने की योजना बना रही है क्योंकि लोकल कमोडिटी का ट्रेड उन राज्यों में ज्यादा होता है जैसे गुजरात में जीरा और इसबगोल का ट्रेड होता है वहीं हिमाचल में सेब का ट्रेड होता है।
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