रिसर्च फर्म इंडिया रेटिंग का कहना है कि कॉटन प्राइस में नई फसल आने से पहले कमी होने की कम संभावना है। मई से अब तक कॉटन के प्राइस में 35 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। जबकि, प्राइस कंट्रोल करने के लिए कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया मार्केट से स्टॉक कम करने का प्रयास कर रही है।
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सितंबर तक दाम उंचे रहने की संभावना
इंडिया रेटिंग के अनुसार सितंबर अंत तक कॉटन प्राइस अपने उच्चतम स्तर 120 से 127 रुपए प्रतिकिलोग्राम पर रहने की संभावना है। बीते साल में कॉटन का उत्पादन कम होने से देश में इसके दामों में इतना उछाल आया है। ऐसे में जब अक्टूबर में नई फसल आएगी तभी दामों में कुछ गिरावट की उम्मीद की जा सकती है। एजेंसी के अनुसार दाम बढ़ने से गिन्नर्स और स्पीनर्स के प्रोफिट जो कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में 15 फीसदी से उपर है में कमी आने की संभावना है। हालांकि, सरकार के निर्देश पर कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया अपना सारा स्टॉक मीडियम और स्मॉल स्केल के स्पीनर्स को ही बेच रही है। लेकिन, सीसीआई के ये प्रयास भी फिलहाल नाकाफी ही साबित होने की उम्मीद है।
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